कपालभाति प्राणायाम करने की प्रक्रिया , कपालभाति प्राणायाम का महत्व
कपाल=मस्तक (सिर); भाती= चमकने वाला; प्राणायाम = साँस लेने की प्रक्रिया
यह एक शक्ति से परिपूर्ण (श्वाँस के द्वारा किये जाने वाला) प्राणायाम है, जो आपका वज़न कम करने में मदद करता है और आपके पूरे शरीर को संतुलित कर देता है।
कपालभाति प्राणायाम का महत्व
जब आप कपालभाति प्राणायाम करते हैं तो आपके शरीर से ८०% विषैले तत्त्व बाहर जाती साँस के साथ निकल जाते हैं। कपालभाति प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से शरीर के सभी अंग विषैले तत्व से मुक्त हो जाते हैं| किसी भी तंदुरस्त व्यक्ति को उसके चमकते हुए माथे (मस्तक या सिर) से पहचाना जा सकता है। कपालभाति प्राणायाम की उचित व्याख्या है, "चमकने वाला मस्तक”
कपालभाति प्राणायाम करने की प्रक्रिया । How To Do Kapalbhati Pranayama
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए, आराम से बैठ जाएँ। अपने हाथों को आकाश की तरफ, आराम से घुटनों पर रखें।
- एक लंबी गहरी साँस अंदर लें।
- साँस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचे। अपने पेट को इस प्रकार से अंदर खींचे की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। जितना हो सके उतना ही करें। पेट की मासपेशियों के सिकुड़ने को आप अपने पेट पर हाथ रख कर महसूस कर सकते हैं। नाभि को अंदर की ओर खींचे।
- जैसे ही आप पेट की मासपेशियों को ढीला छोड़ते हो, साँस अपने आप ही आपके फेफड़ों में पहुँच जाती है।
- कपालभाति प्राणायाम के एक क्रम (राउंड) को पूरा करने के लिए २० साँस छोड़े।
- एक राउंड खत्म होने के पश्चात, विश्राम करें और अपनी आँखों को बंद कर लें। अपने शरीर में प्राणायाम से प्रकट हुई उत्तेजना को महसूस करें।
- कपालभाति प्राणायाम के दो और क्रम (राउंड) को पूरा करें।
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