योग द्वारा सर्दी-जुकाम से मुक्ति | Sardi jukam ka ilaj hindi me
योग द्वारा सर्दी-जुकाम से मुक्ति | Sardi jukam ka ilaj hindi me
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नाड़ी शोधन प्राणायाम (अनुलोम-विलोम श्वसन तकनीक)
नथुनों को क्रमश: बदल कर साँस लेने से सर्दी से अवरुद्ध नासिका द्वार खुल जाते है जिससे फेफड़ों को अधिक मात्रा में आक्सीजन प्राप्त होती है|यह प्राणायाम तनाव से मुक्ति व शरीर को विश्रान्ति प्रदान करने भी सहायक है|सर्दी से छुटकारा पाने के लिए इसके ७-८ चक्र का दिन में २ -३ बार अभ्यास करे |
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कपालभाति प्राणायाम
इस प्राणायाम में साँस को नथुनों पर दबाब बनाते हुए जोर से छोड़ते है| इसके अभ्यास से हमारी श्वसन नलिका में उपस्थित अवरोध खुल जाते है जिससे साँसों का आवागमन आसान हो जाता है|इसके अतिरिक्त इस प्राणायाम से हमारा नाड़ीतंत्र सशक्त होता है, रक्त प्रवाह बढ़ता है तथा मन प्रसन्नरहता है|इस प्राणायाम के २-३ चक्रों का अभ्यास दिन में दो बार करने से सर्दी में राहत मिलती है तथा शरीर उर्जावान बनता है|
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हस्तपादासन
खड़े होकर आगे की तरफ झुकने से रक्त का प्रवाह हमारे सिर की तरफ बढ़ता है|यह क्रिया सायनस को साफ़ करती है|इस प्राणायाम से हमारे नाड़ीतंत्र को बल मिलता है तथा शरीर तनाव-मुक्त होता है|
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मतस्यासन
इस आसन में रहते हुए लम्बी और गहरी साँसों के अभ्यास से सभी प्रकार के श्वसन सम्बन्धी रोगों व सर्दी –जुकाम से छुटकारा मिलता है| इस आसन से गर्दन व कन्धों का तनाव दूर होता है जिससे झुके हुए कन्धे अपने स्वाभाविक स्वरुप में आ जाते है|
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विपरीत करनी
टांगो को ऊपर की ओर उठाते हुए किये गए इस आसन का श्वसन तन्त्र के रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण प्रभाव होता है|इससे सिर दर्द व कमर दर्द से मुक्ति मिलती है|यह आसन सर्दी व जुकाम से ग्रस्त रोगी के मनोबल में वृद्धि करता है|
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शवासन
शवासनव्यक्ति को गहनध्यानव विश्राम की स्थिति में ले जाकर शरीर में शक्ति व स्फूर्ति का संचार करता है| इसके अभ्यास से शरीर तनाव से मुक्तं होता है| इसेस भी योग आसनों के अभ्यास के बाद अंत में करना चाहिए |
आयुर्वेद (Ayurveda) की सम्पूर्ण व प्राकृतिक औषध प्रणाली शरीर की रोग -प्रतिरोध शक्ति को उन्नत बनाने में बहुत उपयोगी है| जहाँ एलोपेथिक दवाएँ रोग का उपचार करती है, आयुर्वेद हमें रोगों से बचने व उन्हें समूल नष्ट करने का ज्ञान प्रदान करता है
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